Tuesday, 13 December 2016

अपने स्मार्टफोन में अगर इन चार एप्स का कर रहें है प्रयोग, तो फौरन कर दें डिलीट, गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट


अपने स्मार्टफोन में अगर इन चार एप्स का कर रहें है प्रयोग, तो फौरन कर दें डिलीट, गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट

अगर आप स्मार्टफोन का प्रयोग करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है| आप स्मार्टफोन पर मोबाइल एप का उपयोग भी करते ही होंगे

                   अगर आप स्मार्टफोन का प्रयोग करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है| आप स्मार्टफोन पर मोबाइल एप का उपयोग भी करते ही होंगे। इन दिनों मार्किट में चार एप ऐसे यूज हो रहे हैं, जिनके चलते पाकिस्तान की कुछ एजेंसियां जासूसी कर रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन एप को लेकर अलर्ट जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वे इन एप का उपयोग न करें। आइए हम बताते हैं इन एप से आप कैसे बच सकते हैं|
ये है पूरा मामला:
पाकिस्तानी एजेंसियां भारत में मोबाइल एप में मालवेयर वायरस भेजकर जासूसी कर रही हैं। गृह मंत्रालय को इस जानकारी की पुख्ता रिपोर्ट मिलते ही देश के सभी सुरक्षा बलों और राज्यों की खुफिया एजेसियों को पत्र लिखकर कुछ विशेष मोबाइल एप डाउनलोड नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पूर्व सैनिकों को नौकरी के नाम या वित्तीय सहायता की आड़ में जासूसी के प्रयास में फंसाने के मामले में देशभर से सात मामले सामने आने के बाद इसे लेकर भी अलर्ट रहने के निर्देश हैं।
इन एप से रहें दूर:
गृह मंत्रालय ने जिन एप्स से दूर रहने के निर्देश दिए हैं:- उनमें टॉप गन (गेम एप), एमपीजुंक (म्यूजिक एप), बीडीजुंकी (वीडियो एप) और टॉकिंग फ्रॉग (एंटरटेनमेंट एप) शामिल हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार इन एप में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी वायरस भेजकर जानकारियां हासिल कर रही हैं।
मप्र पुलिस ने तैयार किया अपना एप:
इधर मप्र पुलिस ने व्हाट्सएप की तर्ज पर एक अलग एप खुद ही डिजाइन करवाया है, जिससे गोपनीयता भंग होने की जैसी कोई स्थिति ना रहे और पुलिसकर्मी भी इस एप के जरिए सोशल कनेक्ट रख पाएं। इस एप की खास बात है कि इसे आम नागरिकों के लिए भी रखा गया है। वहीं गृह मंत्रालय के पत्र के बाद मप्र इंटेलिजेंस और एटीएस ने भी अपने स्टाफ को निर्देश जारी कर इस तरह के एप से अलर्ट रहने को कहा है।



       

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